रॉयल्टी न होने के बावजूद खनन माफिया कर रहे मिट्टी का व्यवसाय
पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से चल रहा अवैध खनन का कारोबार
पूरनपुर-पीलीभीत। जिलाधिकारी के सख्त आदेशों के बाद भी अधिकारी कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। तहसील कलीनगर क्षेत्र की दिन हो या रात खनन माफिया बिना रोक-टोक मानकों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से खनन कर रहे हैं। भू-माफिया हों या खनन माफिया सभी के हौसले बुलंद है।
तहसील पूरनपुर हो या चाहे तहसील कलीनगर क्षेत्र में खनन माफिया नियम कानूनों की खज्जियां उठा रहे हैं, मिट्टी का खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है। दोनों तहसील क्षेत्रों के अंतर्गत तीन थाने और एक कोतवाली क्षेत्र आता है और तीनों चारों थानों के अंतर्गत लगभग दर्जन भर पुलिस चौकियां है। लेकिन इसके बाद भी पुलिस सिर्फ मूकदर्शक बन रही है। रॉयल्टी की जानकारी तहसील में किसी जिम्मेदार अधिकारियों के पास नहीं है। सबसे मजे की बात तो यह है एसडीएम हो या तहसीलदार कोई भी बोलने को तैयार नहीं हैं। इससे क्या अंदाजा लगाया जाये कि खनन कर रहे लोगों के पास मिट्टी खनन की रॉयल्टी किस जगह की है और कितनी मिट्टी किसके खेत से उठाना है। यह बता नहीं चल रहा कि आखिर मिट्टी किस प्लाट या खेत तालाब का पटान होना है। अधिकारियों तक कोई जानकारी है ही नहीं या फिर जानबूझकर मौन धारण किया जा रहा हैं। यही हाल है तहसील कलीनगर का, सुबह से शाम तक सैकड़ों की संख्या में मिट्टी ट्रालियां रोड पर चलती दिखाई देंगी। लेकिन कोई अधिकारी सच बताने को तैयार नहीं है। जानकारी या बात करने पर गोलगोल जवाब देना फितरत में सुमार हो चुका है। लेकिन यह बात तो सच है कि मामला शक के दायरे से भी बाहर नहीं है जब तक पटे हुए खेत खलिहान, तालाब और क्षेत्र में हो रही प्लाटिंग को लेकर मिट्टी भराव जोरों पर है। अवैध खनन की अनदेखी कुछ तो वयां कर रही है। अधिकारियों की मिलीभगत से राजस्व को चूना बड़े पैमाने पर लग रहा है।
----------------------------------------------
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें