बेटे को खाना खाने के लिए भेज कर घर में भूखी रहती है "मां" पूरनपुर-पीलीभीत। वैश्विक महामारी के दौर में बंद घरों के अंदर जीवन यापन कर रहे लोगों के लिए भुखमरी का दौर शुरू हो गया है। तहसील किचन में खाना खाने पहुंचे मासूमों के शब्दों ने बहुत कुछ कह दिया। पूरनपुर तहसील के किचन खाना खाने पहुंचे मासूम बच्चों से बात करने से ज्ञात हुआ कि कहीं ना कहीं लोक लाज और मान प्रतिष्ठा भी स्वाभिमानी महिलाओं के लिए भुखमरी का कारण बनी हुई है। कई घरों की महिलाएं बच्चों को सरकारी कैंटीन में खाना खिलाने के लिए भेज कर खुद भूखे पेट घरों में हैं। पूरनपुर देहात क्षेत्र से पहुंचे कई बच्चों ने घरों के हालात बयां किए। बच्चों ने कहा, "मम्मी कभी-कभी खाना खाती है" बच्चों ने आगे बताया कि कैंटीन से अगर खाना मिल जाता है तो वह घर ले जाकर मम्मी को खिला देते हैं और ना मिलने की स्थिति में मम्मी को घर में भूखे ही सोना पड़ता है। बच्चों से पूछा गया कि वह लोग किस मोहल्ले के हैं तो बताने में असमर्थ नजर आए। इंसेट- महिला संगठनों को आगे आने की जरूरत खाना मांग कर खाने से परहेज कर रही उन स्वाभिमानी म