डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर किसान संगठन ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
पूरनपुर-पीलीभीत। तीन नए अध्यादेश व डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने राष्ट्रपति को संबांधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है। साथ ही उन्होंने जल्द ही समस्या का समाधान कराने की मांग की है।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ढाई सौ से अधिक किसान एवं कृषि मजदूर संगठन घटक है, राकिमस ने पत्र लिखकर बताया है कि भारत सरकार ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान जो तेज हमले देश भर के किसान पर किया है इसके चलते पूरे प्रदेश में सरकार का विरोध किया जा रहा है। सरकार ने तीन नए आध्यादेश परित किए है,ं जो ग्रामंचल में तमाम किसानों की व्यवस्था को खाद्यान की खरीद, परिवहन भंडार, प्रसंस्करण बिक्री समेत तमाम खाने के श्रंखला को ही बड़ी कंपनियों के हवाले कर देगी। साथ ही किसानों के साथ छोटे दुकानदारों एवं छोटे व्यवसायियों को बर्बाद कर देगी। इससे विदेश में घरेलू कारपोरेट तो मालामाल हो जाएंगे प्रदेश के सभी मेहनती विशेष कार्य किसानों नष्ट हो जाएंगे। इसके साथ ही सरकार ने बिजली की दरों पर भी बढोत्तरी की है। इसके चलते लोगों में काफी रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि डीजल-पेट्रोल के बढ़े दाम जब भाजपा की सरकार 2014 में बनी थी उस समय से अब तक डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 28 लीटर पेट्रोल पर 24 लीटर बढ़ा दी गई है। इसके चलते वेट ड्यूटी भी बढ़ गई है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल का दाम 106 प्रति वैरल थे और आज 40 प्रति वैरल हैं और इसके बावजूद डीजल पेट्रोल के दाम सरकार ने बड़ा रखे हैं। सरकार देश के गरीबों से खासतौर किसानों से 52 प्रति लीटर डीजल व पेट्रोल के वसूल कर रही है। इसको लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के तहसील प्रभारी अनंत अग्रवाल ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद को सौंपकर डीजल-पेट्रोल के दामों को घटाने की मांग की है। ज्ञापन में गुरूप्रीत सिंह, सुखविन्दर सिंह, सुच्चा सिंह, अवतार सिंह, हीरा सिंह, रंजीत सिंह, मंजीत सिंह आदि लोगों के हस्ताक्षर मौजूद रहे।
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