इंडो नेपाल बार्डर पर 200 करोड़ की लागत से बनेगा हाईवे
शनिवार को पूरनपुर के एसडीएम राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में इंडो नेपाल बॉर्डर क्षेत्र में हाईवे सड़क का निर्माण कराने को लेकर थाना हजारा परिसर में बैठक की गई। बैठक में पीडब्ल्यूडी पीलीभीत के एई हंसाराम ने मीटिंग में प्रतिभाग कर रहे विभागीय अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को जानकारी देते हुए बताया कि वन अधिनियम अधिकार 2006 के बिंदुओं के आधार पर सड़क निर्माण कार्य में कहीं आदिवासी आबादी आदि का हनन तो नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा है तो पहले उनकी समस्याओं का निराकरण कराने के बाद ही हाईवे सड़क का निर्माण कार्य शुरू होगा। पीडब्ल्यूडी ने बैठक में बताया कि उक्त हाईवे सड़क निर्माण कार्य के लिए 2010 में स्वीकृति मिली थी। उस समय लगभग 200 करोड़ों रुपए के बजट से हाईवे सड़क निर्माण कार्य होना था। इधर, हाईवे निर्माण के लिए भौगोलिक एवं भौतिक सत्यापन के बाद डामर की बजाय सीसी हाईवे रोड बनाने पर शासन से सहमति मिली है। वन विभाग की अनापत्ति के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। थाना परिसर में बैठक की रिपोर्ट जिलाअधिकारी पुलकित खरे को प्रेषित की जाएगी। उक्त हाईवे सड़क 7 मीटर की चौड़ाई में बनाई जाएगी। बैठक में आमंत्रित जिला पंचायत वार्ड नंबर 1 के सदस्य मंजीत सिंह ने उक्त हाईवे सड़क निर्माण देश सुरक्षा के लिए आवश्यक बताते हुए शीघ्र निर्माण कराने की बात अधिकारियों से कही है। इसके अलावा क्षेत्र पंचायत टाटरगंज, बमनपुरी भगीरथ, बैल्हा के क्षेत्र पंचायत सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया था। टाटरगंज के क्षेत्र पंचायत सदस्य गुरमीत सिंह व गुरमेज सिंह भी मौजूद रहे।
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हाईवे निर्माण से एसएसबी जवानों को मिलेगी रफ्तार
पीडब्ल्यूडी पीलीभीत ने मीटिंग के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि हाईवे निर्माण होने के बाद नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी बीओपी चौकियों को हाईवे सड़क के निकट स्थापित किया जाएगा। उक्त हाईवे निर्माण में मेला घाट पर एक किलोमीटर एवं लगा बग्गा और बामनी नदी पर पुल का निर्माण होगा। यहां बता दें कि उक्त हाईवे रोड बन जाने से उत्तराखंड से लेकर पूर्वांचल तक आवागमन बहुत ही सुलभ और दूरी कम हो जाएगी।
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वन विभाग से जारी होगी एनओसी
पीडब्ल्यूडी के एई ने बताया है कि 2018 से निर्माण कार्य की शुरुआत हुई लेकिन अभी परवान नहीं चढ़ पा रहा है। इंडो नेपाल बॉर्डर क्षेत्र के तहत उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड को जोड़ते हुए सात जिले से होकर निर्माण कार्य होना है। इसमें अभी 6 जिलों को वन विभाग से एनओसी लेना बाकी है। बैठक में उपजिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद, पीडब्ल्यूडी पीलीभीत के एई हंसाराम, सिंचाई बाढ़ खंड पीलीभीत के एसडीओ डीएस खोलिया, बफर जोन संपूर्णानगर क्षेत्र के वन क्षेत्राधिकारी आरपी रौतेला, डिप्टी रेंजर राधेश्याम, जिला पंचायत सदस्य मंजीत सिंह, थाना प्रभारी निरीक्षक उमेश सिंह सोलंकी, एसआई दिलेराम पाल, कंबोजनगर चौकी प्रभारी संजय कुमार आदि लोग मौजूद रहे।
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