ट्रांस शारदा क्षेत्र से पहुंचे सिक्ख संत ने किसानों के लिए चलाया लंगर
दिल्ली-हरियाणा बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए की गई लंगर की व्यवस्था
हजारा-पीलीभीत। नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के गुरुद्वारा नानकसर खजुरिया सिद्धनगर के संत बाबा ने किसानों के लिए दिल्ली के कुंडली बार्डर पर लंगर चलाया। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लंगर छका।
कृषि कानून के विरोध में किसानों के दिल्ली-हरियाणा बार्डर पर प्रदर्शन करने के दौरान पुलिसकर्मियों और किसानों के बीच झड़पों की कई विडियो व तस्वीरें देखने को मिली थीं। उन्हीं में एक दिल को छू लेने वाला विडियो भी देखने को मिला था। इसमें गुरुद्वारा से आये हुए लंगर को प्रदर्शनकारी एवं पुलिस कर्मी एक साथ बैठकर छक रहे थे। दो दिन तक हरियाणा बार्डर पर प्रदर्शन करने के बाद आखिरकार किसानों को दिल्ली जाने की अनुमति मिल गई है। कोई किसान भूखा न रहे इसके लिए दिल्ली के कई गुरुद्वारों में से सैकड़ों सेवादार लंगर तैयार करने के बाद वितरित कर रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में किसानों के लिए नेपाल सीमा के लखीमपुर खीरी जिले के गुरुद्वारा नानकसर खजूरिया सिद्धनगर के स्वर्गवासी संत बाबा सुलक्खन सिंह के संयोजक संत बाबा दिलबाग सिंह आनंदपुर साहिब वाले ने भी दिल्ली के कुंडली बार्डर पर किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था की है। संत बाबा दिलबाग सिंह ने फोन से बात करने पर बताया कि सिक्ख धर्म मानवता व सेवा का पाठ पढ़ाता है। जरुरत मंदो की सेवा करना ही धर्म है। आगे कहा कि इंसानियत की भलाई के लिए सिक्ख धर्म बराबर सेवारत रहता है। संत बाबा दिलबाग सिंह ने यह भी कहा कि ये गुरु का लंगर सबका है कोई भी लंगर छक सकता है। आगे कहा कि जब तक किसानों का धरना प्रदर्शन चलेगा तब तक लंगर की व्यवस्था की जाएगी।
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