भ्रष्टाचार के लपेटे में राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित शिक्षक
भ्रष्ट शिक्षा विभाग के लिए कोई मायने नहीं रखते राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक
पूरनपुर-पीलीभीत। राज्य से राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक को सेवानिवृत्त होने के साथ ही भ्रष्टाचार से दो दो हाथ करने पड़ रहे है, शिक्षक ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि रिटायरमेंट के बाद उनके विभागीय अधिकारी ऐसा बर्ताव करेंगे। अधिकारियों से शिकायत करके थक चुके शिक्षक ने आखिर में सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ दी हैं।
नगर के रामलीला मैदान में रह रहे शिक्षक ओम शर्मा 31 मार्च 2020 को सेवानिवृत्त हो गए। रिटायरमेंट के बाद शिक्षक पेंशन के लिए पांच माह से सरकारी दफ्तरों में जूते घिसने को मजबूर है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं। शिक्षा विभाग ने राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने के बाद शिक्षक ओम शर्मा को सरआंखो पर बैठाया जरूर होगा। लेकिन अब सेवानिवृत्त होने के साथ ही अपमानित करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहा। भ्रष्ट आचरण से पीड़ित शिक्षक ने सोशल मीडिया पर बिना नाम लिए संबंधित अधिकारियों पर तीखे प्रहार किये हैं। उन्होंने लिखा कि अधिकारी व क्लर्क कब तक भ्रष्ट आचरण करेंगे?। उनसे पेंशन जारी कराने के एवज में सुविधा शुल्क की मांग की जा रही हैं। आईजीआरएस पर ऑनलाइन शिकायत प्रणाली से भी कुछ नहीं हुआ तो शिक्षक ने पोस्ट वायरल करते हुए लोगों से समस्या का समाधान निकालने की राय मांगी हैं।
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