बैंड बाजा वाली शादी में निकाह न पढ़ाएं काजी : मुफ्ती साजिद हसनी
पूरनपुर समेत आसपास के क्षेत्र में डीजे व बैंड बाजे पर सख्ती से पाबन्दी लगी हुई है
पीलीभीत से आए मुस्लिम धर्म गुरू मषहूर इस्लामिक स्कष्लर मुफ्ती साजिद हसनी कादरी मौलाना, षैख सबीहुल हसन सोहरवर्दी बदायूं ने बरेली के बिथरी चैनपुर मे बीसलपुर से जाहिर अन्सारी की षादी में हिस्सा लिया। इस्लामिक स्कालर मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने कहा है कि इस्लाम में षादी रस्मो रिवाज नहीं बल्कि इबादत का दर्जा रखती है। षादी पैग़ंबरे इस्लाम की सुन्नत है, इस्लाम निकाह व षादी को आसान करने की षिक्षा देता है। इसके विपरीत लोग इसे मुष्किल बनाने में लगे हुए हैं। दिखावे की वजह से बहुत ज्यादा पैसा खर्च करते हैं। फिजूलखर्ची को हराम करार दिया है, षरीयत की रोषनी में षादी व निकाह को सादगी के साथ करना चाहिए। नई रस्म व रिवाज और दहेज वगैरा की मांग पर पाबंदी होना चाहिए। बरेली अहले सुन्नत रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष मुफ्ती साजिद ने कहा है कि उलेमा और इमाम की जिम्मेदारी है कवह अपनी तकरीरो और तहरीरो के जरिए षादी में फिजूलखर्ची लगातार डीजे बैंड बाजे वाली षादी में हिस्सा लेने ही नहीं जाए। ऐसे लोगों का बायकाट करें। अगर गांव में या मोहल्ले में कोई बैंड बाजे और डीजे वाली षादी करता है तो उसका बायकाट कर दें। व्यक्ति विशेष जब तक तौबा न करे उस से रिष्ता तोड़ लें। मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने बताया कि पूरनपुर सहित नव्वे से ज्यादा गांव व आसपास के क्षेत्रों में डी जे व बैंड बाजा पर सख्ती से पावन्दी लगी हुई है। बरेली सहित आस पास के इलाको में उलेमाओं व इमामो से अपील की गई है। वह शादी व निकाह में फिजूलखर्ची और डीजे व बैन्ड बाजे पर पाबन्दी लगाए। इस मौके पर अल बरकात से मौलाना अब्दुल वाहिद अषर्फी, मौलाना मोहम्मद यासीन अषर्फी, मौलाना मुफ्ती रिजवान अषर्फी, मौलाना मुफ्ती साजिद हसनी कादरी, हजरत मौलाना सबीहुल हसन अस्सकाफातुस्सुन्निया केरला और मौलाना गुलाम मुस्तफा किछौछवी, मौलाना अब्दुल कादिर खाँ बरकाती सितारगंज उत्तराखंड, हाफिज फिरोज मुस्तकीम अंसारी, षाहिद अली अन्सारी, राषिद हसन, रफीक अहमद अन्सारी, हाजी आरिफ अंसारी, मो0 फरीद अन्सारी, हाजी रफीक अहमद, अवरार ग्राम प्रधान नवी अहमद आदि लोग मौजूद रहे।
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