बाढ बचाव कार्य से शारदा पार की आबादी को मिलेंगी सुरक्षा
हजारा-पीलीभीत। शारदा नदी विगत वर्षों से बाढ के दौरान भू-कटान कर रही थी। पहाड़ी नदी होने के चलते मैदानी इलाकों में सर्पाकार रूप से बहती हुई कटान करती है। लेकिन अब ऐसा नही होगा, बाढ़ खण्ड के अधिकारियों ने बाढ़ से बचाने के लिए दस अदद परक्यूपाइन स्टेंड व बैंक अप्रन बनाकर गुणवत्तापूर्ण कार्य कराए गए है। इससे आबादी वाले क्षेत्र को बाढ से राहत मिलेंगी।
जुलाई, अगस्त 2017 में ग्राम राणाप्रताप नगर, राजीवनगर, विजयनगर, गौतमनगर, नहरोसा, चिरैया टोला, कुलवा फार्म, चकलौआ फार्म, कुठिया गुदिया, टिब्भा, मलपुरी फार्म को निशाना बनाते हुए कटान शुरू हो गया था। इससे राणाप्रताप नगर में लगभग 2 किलोमीटर में कई एकड़ कृषि भूमि नदी में समा गई थी। जनता की मांग पर बाढ़ खंड के अधिकारियों ने कार्य कराके अस्थाई सुरक्षा प्रदान की है। वर्ष 2018 में जनप्रतिनिधियों एवं जनता की मांग पर कटान से निजात दिलाने के लिए बाढ़ खंड के अधिकारियों ने राणाप्रताप नगर, राजीवनगर एवं इसके आसपास वसे गांव को शारदा के कटान से बचाने के लिए परियोजनाओं के अंतर्गत दस अदद परक्यूपाइन स्टेंड व बैंक अप्रन बनाकर गुणवत्तापूर्ण कार्य कराए गए। गांव की कृषि भूमि एवं आबादी को सुरक्षित किया गया एवं नहरोसा में 15 अदद परक्यूपाइन स्टड एवं बैंक अप्रन बनाकर बाढ़ सुरक्षा कार्य कराए गए। दोनों बाढ स्थलों की परियोजनाओं के स्परो पर सिल्ट जमा हो गई है। इससे नदी का बहाव गांव से दूर हो गया है। वर्ष 2019 में बाढ़ काल से पूर्व राणा प्रताप नगर की परियोजना स्वीकृत कराकर ग्राम के सामने व उसके नीचे की ओर 1.8 किमी लंबाई में 29 अदद परक्यूपाइन स्टड व बैंक अप्रन बनाए गए थे। विभागीय अभियंताओं द्वारा बाढ़ आने से पहले राणाप्रताप नगर व उसके नीचे बसे गांव को बाढ़ से सुरक्षित कर लिया गया है। विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्यस्थल पर सतत निगरानी से ठेकेदारों से मानक के अनुरूप कार्य कराकर परियोजना का कार्य पूर्ण कराया गया। इसके चलते वर्ष 2019 में बाढ़ काल के समय राणाप्रताप नगर गांव में जलभराव व कटान की समस्या नहीं हुई है। बाढ़ खंड के कराए गए कार्यों पर जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रशंसा की गई। स्थानीय ग्रामीण बाढ़ और कटान से भयमुक्त एवं सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
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