हाथियों ने तबाह कर दी पिपरा में किसानों की गन्ने की फसल
पूरनपुर-पीलीभीत। बाघ के बाद अब किसानों के लिए हाथी परेशानी का सबब बन चुके है, आये दिन पूरे झुन्ड के झुन्ड किसानों की फसल को बर्बाद करके निकल जाते है। फसल सुरक्षा की दृष्टि से लगाये तार को पल भर में रौदकर किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहे है। हाथी फारेस्ट विभाग के लिए भी सिर दर्द बने हुए हैं। रात के अंधेरे में फसलों के मैदान तबाह हो रहे हैं।
पीटीआर की जद में कृषि करने वालों को बाघ निवाला बना रहे थे। दूसरी ओर हाथी किसानों की फसले नष्ट करने में लग गए है। इस बिकट समस्या का कोई निदान न होने से कृषक भारी परेशानी में हैं। बताया जाता है कि नेपाल में वनाक्षेत्र कम होने से हाथियों के झुन्ड भारतीय सीमावर्ती जंगल में प्रवेश कर गए है और रात्रि के दौरान गन्ने की फसल पर टूट रहे हैं। फिलहाल प्रशासनिक अधिकारियों के पास इस समस्या का कोई निदान न होना बताया जा रहा है। किसानों की मेहनत व कर्ज लेकर तैयार की फसल पर हाथी तबाही मचा रहे है और संबंधित अधिकारी किसानों से बचते नजर आने लगे हैं। 94वें पिपरा मुजप्ता व सुल्तानपुर में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। किसानों की सालों की मेनहत पर एक ही दिन में नष्ट कर दी। गांव पिपरा मुंजप्ता के मध्य वर्गीय कृषक सुभाष चन्द्र, सुन्दर लाल, गेंदन लाल सहित गांव सुलतानपुर में नंदरानी, रामकुमार, मया प्रकाश, जगदीश, सोनपाल, अम्बिका प्रसाद, रूपवती व लल्लन बाबू के खेत में खड़ी लाखों रूपये की गन्ने की फसल को रौदकर नष्ट कर दिया। इससे किसानों में भारी रोष व्याप्त हैं।
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