पूर्वांचल की तर्ज पर नेपाल सीमा पर भी छठ पूजा की शुरू हुई तैयारी
हजारा-पीलीभीत। पूर्वांचल में विशेष रूप से बिहार में मनाए जाने त्योहारों में शामिल छठ पूजा की तैयारी तराई के नेपाल बॉर्डर पर भी शुरू हो गई है। छठ बेदी की साफ सफाई के साथ छठ पूजा की छठा भी नेपाल सीमा पर बिखरने को आतुर हो उठी है।
पूर्वांचल में मनाए जाने वाला छठ पूजा की धूम हजारा क्षेत्र सहित समूचे नेपाल बॉर्डर पर भी देखने को मिलता है। हजारा थाना क्षेत्र के 17 ग्राम पंचायतों में लगभग अधिकतर गांव में पूर्वांचल के लोग निवास करते हैं, हजारों की संख्या में पूर्वांचल के लोग इस छठ पूजा में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। छठ पूजा के दौरान व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर पुत्र, पति, परिजनों की दीर्घायु, सलामती, खुशहाली के लिए यह कठोर व्रत करती हैं।
खास बात यह है कि इस छठ पूजा पर्व में डूबते सूर्य को भी अर्घ्य देकर पूजन किया जाता है, तत्पश्चात उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे के कठोर व्रत का पारण होता है। छठ पूजा दीपावली के ठीक छठवें दिन मनाया जाता है। इस दौरान शारदा नदी के तट, पोखर, तालाब, नाला के किनारे सीमेंट के पक्के छठ बेदी घाट बनाए जाते हैं, इन घाटों की साफ सफाई व रंग रोगन का काम शुरू हो गया है। इसके साथ ही व्रत में भाग लेने वाली महिलाओं सहित सभी घरों में साफ सफाई और पूजन की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं कोसी भरने की परंपरा भी इस त्यौहार में है जिसके अंतर्गत मनौती के मुताबिक दंपत्ति अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराते हैं। छठ वेदी राणा प्रताप नगर, विजयनगर, गौतम नगर, अशोकनगर, नेहरू नगर, शास्त्री नगर, सिद्ध नगर, टांगिया सहित अन्य गांव में छठ वेदी की साफ सफाई और सजावट का काम अभी से शुरू हो गया हैं।
खास बात यह है कि इस छठ पूजा पर्व में डूबते सूर्य को भी अर्घ्य देकर पूजन किया जाता है, तत्पश्चात उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे के कठोर व्रत का पारण होता है। छठ पूजा दीपावली के ठीक छठवें दिन मनाया जाता है। इस दौरान शारदा नदी के तट, पोखर, तालाब, नाला के किनारे सीमेंट के पक्के छठ बेदी घाट बनाए जाते हैं, इन घाटों की साफ सफाई व रंग रोगन का काम शुरू हो गया है। इसके साथ ही व्रत में भाग लेने वाली महिलाओं सहित सभी घरों में साफ सफाई और पूजन की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं कोसी भरने की परंपरा भी इस त्यौहार में है जिसके अंतर्गत मनौती के मुताबिक दंपत्ति अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराते हैं। छठ वेदी राणा प्रताप नगर, विजयनगर, गौतम नगर, अशोकनगर, नेहरू नगर, शास्त्री नगर, सिद्ध नगर, टांगिया सहित अन्य गांव में छठ वेदी की साफ सफाई और सजावट का काम अभी से शुरू हो गया हैं।
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